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ऑपरेशन अजय " के तहत युद्धग्रस्त इस्राइल से भारतीयों की घर वापसी।

प्रभात गुप्ता 24/10/2023

युद्धग्रस्त इजराइल से भारतीय सरकार के द्वारा ऑपरेशन अजय चलाकर भारतीयों को बाहर निकाला जा रहा है । बीते कुछ दिनों से इजराइल और आतंकी संगठन हमास के बीच संघर्ष चल रहा है आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद इजराइल गाजा पर थलसेना , नोसेना और वायुसेना के माध्यम से लगातर मिसाइल बरसा रहा है। जिसके कारण तमाम मुस्लिम देश हमास का समर्थन कर रहे है। वही यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कभी भी इस युद्ध में अन्य मुस्लिम देश कूद सकते हैं। लेबनान और सीरिया से भी इस्राइल पर हमले किए जा सकते हैं। जिसके मद्दे नज़र भारतीय सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वापस लाने के अथक प्रयास में लग गए हैं, दस हजार की संख्या में भारतीय नागरिक इजराइल में हैं। जिनको वापस लाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन अजय चलाया है । आपको बता दे कि यह पहली बार नहीं है जब हिंसा ग्रस्त माहौल से भारतीय सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने में सफल रही है। इससे पहले भी कई बार सरकार ने कई सलफ ऑपरेशन किए हैं।

•भारतीय सरकार के द्वारा किए गए अन्य महत्वपूर्ण ऑपरेशन।

ऑपरेशन कावेरी : इसी साल भारतीय सरकार ने सूडान में सैनिक और अर्द्ध सैनिक बलों के बीच चल रहे हिंसक संघर्ष के दौरान भारत ने सूडान में फंसे अपने नागरिकों को ऑपरेशन कावेरी चला कर सफ़लता पूर्वक सुरक्षित वापस लाया था।

ऑपरेशन गंगा : पिछले साल 24 फरवरी को रसिया और यूक्रेन के बीच शुरू हुए संघर्ष में अधिक संख्या में फंसे भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा चला कर निकला गया था जिसके लिए भारतीय वायुसेना के सी-17 विमानों को भेजकर और दूतावास के कर्मियों को कीव के ट्रेन टर्मिनलों पर भेजकर लोगों को निकाला गया था। इसके लिए केन्द्र सरकार ने अपने कुछ मंत्रियों को यूक्रेन से सटे देशों के बॉर्डर पर विशेष रूप से भेजा था।

ऑपरेशन देवीशक्ति : साल 2021 में अफगानिस्तान पर तालीबान का कब्ज़ा हो गया था । तालीबान का सत्ता अपने अंदर लेने के बाद भारतीय नागरिक की सुरक्षा को देखते हुए ऑपरेशन देवीशक्ति चलाया गया जिसके द्वारा सैकड़ो भारतीयों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला गया था।

ऑपरेशन वंदे भारत : भारत के द्वारा वंदे भारत ऑपरेशन तब चलाया गया था जब कोरोना महामारी के समय दुनिया भर के देशों में भारतीय नागरिक फंसे थे। 60 लाख भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन वंदे भारत चलाया गया था।30 अप्रैल 2021 तक विभिन्न चरणों के माध्यम से सभी को वापस लाया गया था।

ऑपरेशन समुद्रसेतु : दुनियां भर के देशों में रह रहे भारतीय नागरिको कोरोना महामारी के समय देश वापस लाने के लिए 5 मई 2020 को नोसैनिक अभियान ऑपरेशन समुद्रसेतु चलाया गया था । 55 दिनों के ऑपरेशन और 23 हजार किमी की लम्बी यात्रा कर 3992 भारतीय नागरिको स्वदेश लाया गया था।

ऑपरेशन मैत्री : 2015 नेपाल में आए भयाभ भूकंप के बाद भारत ने ऑपरेशन मैत्री शुरू किया था । 5000 भारतीय नागरिकों को सेना- वायुसेना के एक संयुक्त अभियान के तहत नेपाल से भारत लाया था। इसी ऑपरेशन में भारत ने अमेरिका , रूस , ब्रिटेन और जर्मनी के 170 नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला था।

ऑपरेशन राहत : 2015 में यमन में गृह युद्ध होने के कारण सऊदी अरब ने नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया था जिसके बाद यमन में फंसे हजारों भारतीय को निकलने के लिए सुमद्री मार्ग का विकल्प चुना गया । भारत ने यमन में फंसे 4640 भारतीयों के अलावा 41 अन्य देशों को 970 नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला था।

ऑपरेशन सेफ होमकमिंग : भारत ने 2011 में युद्धग्रस्त लीबिया से अपने नागरिकों को निकलने के लिए ऑपरेशन सेफ होमकमिंग चलाया था जिसके तहत लीबिया से भारत ने 15,400 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी कराई थी।

ऑपरेशन सुकून : इजराइल और लेबनान युद्ध के बीच 2006 में भारत ने ऑपरेशन सुकून चलाया था जिसके तहत नोसैनिक अभियान के बीच 22 भारतीय नागरिकों को वापस देश लाया गया था इनमें से कुछ श्रीलंका और नेपाली नागरिक भी शामिल थे।

दुनिया में उत्पन होने वाले संकट यह युद्ध के बीच भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहता है भारत अपने नागरिकों को लेकर किसी भी प्रकार के कोताही नहीं बरता यही कारण है कि भारत दुनियां में जहां भी संकट उत्पन होती है वहां अपने नागरिक की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देता है।

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