देश में लोकसभा चुनाव के कारण जहां सियासी गलियारों के बाजार पहले से ही गरमाया हुआ है. वहीं कुछ राज्यों में भी राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहा है. कुछ दिनों पहले ही बिहार के सियासत में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड के सियासी गलियारों में भी गहमा गहमी देखा जा सकता है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अपने पद से इस्तीफा और ईडी के द्वारा गिरफ्तारी के बाद जेएमएम की ओर से “झारखंड टाईगर” नाम से मशहूर चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है. वहीं हेमंत सोरेन के फरार होने की खबरों के बाद हुए विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की मौजूदगी ने कयासों के बाजार लगा दिए थे. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद भावी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 48 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की पेशकश राज्यपाल से की है. वहीं , अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सोरेन के इस्तीफा देने के बाद से ही भाजपा मौका तालाश रही है, इसका अंदाजा जेएमएम की ओर से सरकार बनाने की पेशकश के बाद राज्यपाल के द्वारा किसी प्रकार की प्रतिक्रिया ना देने से लगाया जा रहा है. राजनीति की गलियारों में यह चर्चा जोड़ों पर है कि भाजपा झारखंड में सरकार बनाने के लिए गणितीय समीकरण बैठा रही है. वहीं राज्य में राष्ट्रपति साशन लगने की भी संभावनाएं भी दिख रहा है.
सरकार बनाने की पेशकश के बाद राज्यपाल की ओर से जवाब नहीं आने के कारण से जेएमएम में टूट की डर बनी हुई है. हाल के दिनों में बिहार में हुए सियासी उलट पलट के कारण जेएमएम सर्तक दिख रही है. भाजपा के कारण गढ़बंधन में फूट ना पड़े इसके मद्दे नजर जेएमएम अपने सभी विधायकों को हैदराबाद लेकर जा रही है. वहीं राज्य में दोनों पार्टीयों के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है , दूसरी तरफ जेएमएम सरकार बनने तक किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है. साथ ही भाजपा अपने लिए अवसर तलाशते दिख रही है.
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